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Krishna Quotes In Hindi
याद रखना अगर बुरे लोग समझने से समझ जाते,
तो बाँसुरी बजाने वाला,
कभी महाभारत होने नहीं देता।
जिंदगी में अच्छे लोगो की तलाश मत करो,
खुद अच्छे बन जाओ,
आपसे मिलकर किसी की तलाश पूरी हो जाए।
दुनिया के सबसे ज्यादा सपने इसी बात पर तोड़े है,
क्या कहेंगे लोग।
जो एक गुनाह माफ़ ना करे वो है न्याधीश,
जिसकी शरण में जाने से हजारों गुनाह माफ़ कर दे वो है द्वारिकाधीश ।
जय श्री कृष्ण
कृष्ण कहते हैं,
जब – जब संसार में धर्म की हानि होगी,
अधर्म की विजय,
तब – तब मैं इस पृथ्वी पर अवतार लूँगा।
अच्छे लोगों की कृष्ण परीक्षा बहुत लेता है,
परंतु साथ नही छोड़ता
और बुरे लोगों को कृष्ण बहुत कुछ देता है,
परंतु साथ नही देता।
जिंदगी में दो लोगों का होना बहुत जरूरी है,
एक कृष्ण जो ना लड़े फिर भी जीत पक्की कर दे,
दूसरा कर्ण जो हार सामने हो फिर भी साथ ना छोड़े।
तू करता वही हैं, जो तू चाहता हैं,
होता वही है जो मैं चाहता हूँ,
तू वही कर जो मैं चाहता हूँ ,
फिर होगा वही, जो तू चाहता हैं।
रो पड़े कृष्णा ने कहा मैंने तो सब की सुनता हूँ,
पर मेरा कौन सुनता है,
इंसान गलत कार्य करते समय बाय-दाये,आगे, पीछे चारों तरफ देखता है,
बस ऊपर देखना भूल जाता है।
श्री कृष्ण कहते है की जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है,
जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना,
इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।
जिंदगी में कुछ फैसले बहुत सख्त होते है,
और यही फैसले जिंदगी का रुख बदल देते है।
जिंदगी में सदैव अवसरों का आनंद लेना चाहिए,
लेकिन किसी के भरोसे को तोड़कर नहीं।
कृष्ण जी कहते है,
जिस व्यक्ति को आपकी कदर नहीं,
उसके साथ खड़े रहने से अच्छा है,
आप अकेले खड़े रहे।
खाली हाथ आए खाली हाथ वापस चले जाओगे,
आज तुम्हारा है कल किसी और का था,
परसों किसी और का होगा,
तुम जिसे अपना समझ कर मगन हो रहे हो,
बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दुखों का कारण है।
जिंदगी के इस रण में खुद ही कृष्ण,
खुद ही अर्जुन बनना पड़ता है,
रोज अपना ही सारथी बनकर
जीवन के महाभारत से लड़ना पड़ता है।
भरोसा अगर खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है,
और दूसरों पर रखो तो कमज़ोरी बन जाती है,
आप कब सही थे इसे कोई याद नही रखता है,
लेकिन तुम कब गलत थे इसे सब लोग याद रखते है।
मैं किसी के भाग्य का निर्माण नहीं करता
और ना ही किसी के कर्मो के फल देता हूँ।
मनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो परंतु उसकी परछाईं सदैव काली होती है,
“मैं श्रेष्ठ हूँ” यह आत्मविश्वास है,
लेकिन “सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूँ” यह अहंकार है।
मैं सभी प्राणियों को सामान रूप से देखता हूँ,
ना कोई मुझे कम प्रिय है ना अधिक,लेकिन जो मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते हैं,
वो मेरे भीतर रहते हैं
और मैं उनके जीवन में आता हूँ।
तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो?
तुम क्या लाए थे, जो तुमने खो दिया?
तुमने क्या पैदा किया था, जो नाश हो गया?
न तुम कुछ लेकर आए, जो लिया,
यही से लिया,
जो दिया, यही पर दिया,
जो लिया, इसी (ईश्वर) से लिया, जो दिया, इसी को दिया।
मुँह से माफ करने मे किसी को वक्त नहीं लगता,
पर दिल से माफ करने में सारी उम्र बीत जाती है।
संबंध उसी आत्मा से जुड़ता है,
जिनका हमसे पिछले जन्मों का कोई रिश्ता होता है,
वरना दुनिया के इस भीड़ में,
कौन किसको जानता है।
उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है,
ना कभी था ना कभी होगा.
जो वास्तविक है, वो हमेशा था
और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता।
कर्म का धर्म से अधिक महत्व है,
क्योंकि धर्म करके भगवान से माँगना पड़ता है,
पर कर्म करने पर भगवान स्वयं फल देता है।
कृष्ण कहते हैं,
अहंकार मत कर किसी को कुछ भी देकर,
क्या पता – तू दे रहा है या पिछले जन्म का कर्जा चुका रहा है।
यदि आप किसी के साथ मित्रता नहीं कर सकते हैं,
तो उसके साथ शत्रुता भी नहीं करना चाहिए।
जो हुआ, वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है,
वह अच्छा हो रहा है ।
जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा।
तुम भूत का पश्चाताप न करो,
भविष्य की चिंता न करो,
वर्तमान चल रहा है।
राधा ने श्री कृष्ण से पूछा
प्यार का असली मतलब क्या होता है?
श्री कृष्णा ने हँस कर कहा,
जहाँ मतलब होता है,
वहाँ प्यार ही कहा होता है।
मेरे भी कई जन्म हो चुके हैं,
तुम्हारे भी कई जन्म हो चुके हैं,
ना तो यह मेरा आखिरी जन्म है
और ना यह तुम्हारा आखिरी जन्म है।
प्रेम एक ऐसा अनुभव है,
जो मनुष्य को कभी परास्त नहीं होने देता
और घृणा एक ऐसा अनुभव है,
जो मनुष्य को कभी जितने नहीं देता।
कृष्ण कहते हैं,
यह बात हमेशा याद रखो,
कैसे भी हालात हो,
किसी प्रकार का अन्याय, पाप या
किसी भी गलत बात का समर्थन नहीं करोगे,
चाहे वह पति या पुत्र।
आपके साथ अब तक जो हुआ अच्छे के लिए हुआ,
आगे जो कुछ होगा अच्छे के लिए होगा,
जो हो रहा हैं, वो भी अच्छे के लिए हो रहा हैं,
इसलिए हमेशा वर्तमान में जीओ,
भविष्य की चिंता मत करो।
जो दूसरों की तकलीफों को समझते हैं,
जिनमें दया है, दिल से अच्छे हैं,
उन्हें दोबारा जन्म लेना नहीं पड़ता।
बुरे कर्म करने नहीं पड़ते हो जाते है,
और अच्छे कर्म होते नहीं करने पड़ते हैं।
मैंने पूछा कैसे करू तेरी पूजा,
भगवान बोले तू खुद मुस्कुरा
और औरो को भी मुश्कुराने की वजह दे,
बस हो गई मेरी पूजा।
श्री कृष्ण जी कहते हैं,
जिस व्यक्ति को आपकी क़द्र नही,
उसके साथ खड़े रहने से अच्छा हैं,
आप अकेले रहे।
परिवर्तन इस संसार का नियम है,
कल जो किसी और का था,
आज वो तुम्हारा हैं,
एवं कल वो
किसी और का होगा।
प्यार और तकदीर कभी साथ नहीं चलते,
क्योंकि जो तकदीर में होते है,
उनसे कभी प्यार नहीं होता,
और जिससे हमे प्यार हो जाता है,
वह तकदीर में नहीं होता।
श्री कृष्ण कहते है
मनुष्य को जीवन में श्रेष्ठ बनने का प्रयास अवश्य करना चाहिए,
परन्तु जीवन में हमेशा उत्तम ही रहना चाहिए।
हर कीमती चीज को उठाने के लिए झुकना ही पड़ता हैं,
माँ और पिता का आशीर्वाद भी,
इनमें से एक हैं।
अच्छी किस्मत के लोग थोडा भी बुरा होने पर भगवान को कोसते है,
और बुरी किस्मत के लोग थोडा भी अच्छा होने पर
भगवान का स्मरण और धन्यवाद करते हैं।
जीवन में आधे दु:ख इस वजह से आते है,
क्योंकि हमने उनसे आशाऐं रखी जिन से हमें नहीं रखनी चाहिए थी,
और आधे दु:ख इस वजह से कि हमने उन लोगों पर संदेह किया,
जिन पर नहीं करना चाहिए था।
तू करता वही है, जो तू चाहता है,
होता वही है, जो मैं चाहता हूँ,
तू वही कर, जो मैं चाहता हूँ,
फिर होगा वही, जो तू चाहता है।
“इच्छा पूरी नहीं होती तो क्रोध बढ़ता है,
और इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है।
इसलिये जीवन की हर स्थिति में धैर्य बनाये रखना।
जब आप प्रभु से जुड़ जाओगे,
तो आपकी परीक्षा प्रारंभ हो जाएगी,
कुछ लोग इसे दुख समझते हैं.
पर इसे आप प्रभु की कृपा सुने कि वह आपके साथ हैं।
अगर व्यक्ति शिक्षा से पहले संस्कार,
व्यापार से पहले व्यवहार और
भगवान से पहले माता पिता को पहचान ले तो,
जिंदगी में कभी कोई कठिनाई नही आएगी।
स्वार्थ से रिश्ते बनाने की कितनी भी कोशिश करें,
वो कभी नही बनते हैं,
और प्रेम से बने रिश्तों को कितना भी तोड़ने की कोशिश करें,
वो कभी नही टूटते।
हर किसी के अंदर अपनी ताकत
और अपनी कमज़ोरी होती है,
मछली जंगल में नहीं दौड़ सकती
और शेर पानी में राजा नही बन सकता,
इसलिए अहमियत सभी को देनी चाहिए।
श्री कृष्ण कहते हैं
एक बार माफ़ करके अच्छे बन जाओ,
पर दोबारा उसी इन्सान पर भरोसा करके बेवकूफ़ कभी न बनो।
कभी भी स्वयं पर घमंड मत करना,
पत्थर भी भारी होकर पानी में अपना वजूद खो देता है।
श्री कृष्ण सुविचार
“वह सब कुछ करो जो तुम्हें करना है,
लेकिन लालच से नहीं, अहंकार से नहीं,
वासना से नहीं, ईर्ष्या से नहीं बल्कि
प्रेम, करुणा, नम्रता और भक्ति के साथ।”
“नर्क के तीन द्वार हैं: काम, क्रोध और लोभ।”
जो आप जो चाहते हैं उसके लिए नहीं लड़ते हैं;
तो जो खोया उसके लिए मत रोओ।”
“मैं सभी प्राणियों के हृदय में स्थित आत्मा हूँ।
मैं सभी प्राणियों का आदि, मध्य और अंत भी हूँ।”
“ठंड या गर्मी, सुख या दर्द का अनुभव करें।
ये अनुभव क्षणभंगुर हैं; वे आते हैं और जाते हैं। उन्हें धैर्यपूर्वक सहन करें।”
अपने सबसे खास से धोखा खाने के बाद
लोग चाह कर भी किसी पर सम्पूर्ण प्रतिशत भरोसा नहीं कर पाते,
यही सत्य है ।
“मनुष्य का जीवन केवल उसके कर्मो पर चलता है..,
जैसा कर्म होता है, वैसा उसका जीवन होता है..”
भगवान श्री कृष्ण जी कहते है की हमें किसी से भी अँधा प्यार नही करना चाहिए.
हमारा किसी के प्रति अँधा प्यार हमें कभी भी आगे बढ़ने नहीं देता.
अधिक प्रेम भी व्यक्ति को बुद्धिहीन कर देता है ।
अनुमान मन की कल्पना है ,
और अनुभव ” जिंदगी का सबक है ।
सच्ची खुशी तभी होती है ,
जब आपकी सोच, कथन और कर्म में समानता हो।
जीवन में कभी निराशनही होना चाहिए
क्योंकि कमजोर आपका वक़्त होता आप नही..!
“सत्य कभी नष्ट नहीं हो सकता।
अच्छा करने से नहीं डरना चाहिए।”
“इस शरीर का मोह मत करो, यह तो माटी है माटी में मिल जायेगा,
अमर तो आत्मा है जो परमात्मा में मिल जाएगी।”
“मन चंचल है इसे और संयमित करना कठिन है,
लेकिन यह अभ्यास से वश में हो जाता है।”
“मेरे लिए न कोई घृणित है और न ही कोई प्रिये,
न कोई निर्धन है और न ही कोई धनी,
बस जो भक्ति भाव के साथ मुझे याद करते हैं
मैं उनका हूँ और वो मेरे।”
“मैं हमेशा तुम्हारे साथ और तुम्हारे आसपास रहता है चाहे तुम कुछ भी कर रहे हों।”
“जो कुछ हुआ, अच्छे के लिए हुआ।
जो हो रहा है अच्छे के लिए हो रहा है।
जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा।”
“आप वही हैं जिसमें आप विश्वास करते हैं,
आप वह बन जाते हैं जो आप मानते हैं कि आप बन सकते हैं।”
“जिस इंसान के चारों तरफ नकारात्मक लोग रहते हैं,
उस इंसान का मंजिल से भटक जाना तय है।”
Final Word
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