Best 15+ Happy Diwali Images

Hello friends, welcome to your website Mixing Images. Friends, today’s post is going to be very special because today we have brought for you – Happy Diwali Images, Diwali Images, Happy Diwali Images Download, Happy Diwali Images HD, Diwali Images HD, Diwali Kab Hai.

 

Best 15+ Happy Diwali Images

 

Diwali Images DownloadDownload Image

Diwali Images HD DownloadDownload Image

Diwali Images HDDownload Image

Diwali Images In Hindi

Download Image

Diwali ImagesDownload Image

Festival Diwali ImagesDownload Image

Happy Diwali ImagesDownload Image

Happy Diwali Images

Download Image

Happy Diwali ImagesDownload Image

Happy Diwali Images DownloadDownload Image

Happy Diwali Images HDDownload Image

Happy Diwali Images In Hindi

Download Image

Shubh Diwali ImagesDownload Image

Wallpaper Diwali ImagesDownload Image

Beautiful Happy Diwali ImagesDownload Image

 

Diwali Kab Hai

 

2024 में दिवाली का पर्व अक्टूबर 31 और 1 नवंबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख त्यौहार है, जिसे पूरे देश और दुनिया भर में भारतीय समुदाय द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली का अर्थ होता है ‘दीपों की पंक्ति,’ और यह अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई, और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। आइए इस त्यौहार का इतिहास, महत्व और इससे जुड़े रीति-रिवाजों के बारे में विस्तार से जानें।

दिवाली का इतिहास और महत्व

दिवाली का संबंध मुख्य रूप से रामायण से है। यह माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी, 14 वर्षों के वनवास और रावण का वध करने के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत के लिए अयोध्यावासियों ने घरों में दीप जलाए थे, जिससे अंधकार दूर हुआ और नगर में प्रकाश फैल गया।

इसके अतिरिक्त, श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर का वध भी दिवाली से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसे विशेष रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है। कुछ स्थानों पर, दिवाली माता लक्ष्मी की पूजा के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। माता लक्ष्मी को धन, संपत्ति और समृद्धि की देवी माना जाता है, और दिवाली की रात उन्हें प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा की जाती है ताकि उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख-शांति और खुशहाली बनी रहे।

दिवाली के पांच दिन

दिवाली का पर्व मुख्यतः पांच दिनों तक चलता है, जिसमें हर दिन का अपना विशेष महत्व और रीति-रिवाज होते हैं:

  1. धनतेरस: यह दिवाली का पहला दिन है, जो धनतेरस के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है, जो स्वास्थ्य और आयु के देवता माने जाते हैं। लोग इस दिन घर की सफाई करते हैं, नए बर्तन, सोने या चांदी की चीजें खरीदते हैं और अपने घर को सजाते हैं ताकि समृद्धि और सौभाग्य का स्वागत किया जा सके।
  2. नरक चतुर्दशी: इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। यह दिन श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर का वध करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। लोग इस दिन तेल स्नान करते हैं और घर में दीप जलाते हैं ताकि नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सके।
  3. मुख्य दिवाली: तीसरे दिन को दिवाली का मुख्य दिन माना जाता है। इस दिन लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है। परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर पूजा करते हैं, मिठाई बांटते हैं और आतिशबाजी का आनंद लेते हैं। घरों को सुंदर फूलों, रंगोली और दीपों से सजाया जाता है ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो।
  4. गोवर्धन पूजा: दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा होती है, जो भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाकर गांववासियों की रक्षा करने की घटना का स्मरण है। इस दिन विशेष पकवान बनाए जाते हैं और उनका भोग लगाया जाता है।
  5. भाई दूज: दिवाली के पांचवें दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है, जो भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक है। बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं, और भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

दिवाली के विशेष रीति-रिवाज

दिवाली पर रंगोली बनाना एक प्रमुख परंपरा है। रंगोली घर के मुख्य द्वार पर बनाई जाती है, जिससे घर की शोभा बढ़ती है और यह समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। लोग रंगोली को रंग-बिरंगे रंगों, फूलों और चावल से बनाते हैं ताकि माता लक्ष्मी घर में प्रवेश करें और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।

मिठाई बांटना और उपहार देना भी दिवाली का एक अहम हिस्सा है। लोग खासतौर से दिवाली के लिए लड्डू, बर्फी, गुलाब जामुन, और काजू कतली जैसी मिठाइयाँ बनाते हैं और इन्हें अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों में बांटते हैं। इसका उद्देश्य आपसी प्रेम और संबंधों को मजबूत करना है।

पटाखों का भी दिवाली में एक महत्वपूर्ण स्थान है। हालांकि, हाल के वर्षों में पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पटाखों के उपयोग में कमी आई है और लोग अब अधिक पर्यावरण अनुकूल दिवाली मनाने पर जोर दे रहे हैं।

दीपावली में दीपों का महत्व

दिवाली के दिन घरों में दीप जलाना एक प्राचीन परंपरा है, जो ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि दीपक के प्रकाश से अज्ञानता का अंधकार दूर होता है और घर में सुख-शांति का वास होता है।

इसके अलावा, आजकल लोग बिजली की लड़ियाँ और लालटेन भी लगाते हैं ताकि घर और आँगन सुंदर दिखें। दीप जलाने और घर को सजाने का उद्देश्य न केवल सौंदर्य बढ़ाना है, बल्कि यह भी विश्वास है कि इस प्रकाश से माता लक्ष्मी का स्वागत होता है, जो संपन्नता की देवी हैं।

वैश्विक स्तर पर दिवाली का जश्न

दिवाली का जश्न केवल भारत तक ही सीमित नहीं है; इसे भारतीय समुदायों द्वारा पूरी दुनिया में भी मनाया जाता है। जैसे नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर, और फीजी जैसे देशों में भी यह त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे पश्चिमी देशों में भी भारतीय समुदायों द्वारा दिवाली मनाई जाती है, जहाँ लोग इस त्यौहार की खुशी में अन्य समुदायों को भी शामिल करते हैं।

कई शहरों में दिवाली पर विशेष आयोजन किए जाते हैं, जिनमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, दीप प्रज्वलन और पारंपरिक भारतीय नृत्य और संगीत का प्रदर्शन किया जाता है। इस प्रकार, दिवाली का त्योहार भारतीय संस्कृति की झलक पूरी दुनिया में दिखाता है।

दिवाली का सार: एकता और समरसता

दिवाली केवल एक त्योहार ही नहीं, बल्कि आपसी भाईचारे और एकता का प्रतीक भी है। इस पर्व पर लोग अपने पुराने झगड़े भुलाकर एक-दूसरे से मिलते हैं, खुशियाँ बाँटते हैं और नए संबंध बनाते हैं। इस प्रकार, दिवाली प्रेम, दया, और सौहार्द का संदेश देती है।

 

Final Word

Friends, how did you like today’s post, do tell us by commenting. If you liked our post then share this post with your friends.

Leave a Comment